हाईकोर्ट ने 30 अप्रैल तक पंचायत चुनाव कराने का आदेश दे दिया गया है. हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब तय हो गया है कि यूपी बोर्ड की परीक्षाएं चुनाव बाद ही संभव होंगी. सरकार के द्वारा पंचायत चुनाव पर कोई निर्णय नहीं लेने के चलते यूपी बोर्ड परीक्षा की तारीखों पर असमंजस बना हुआ है. कोरोना संक्रमण को देखते हुए बोर्ड की ओर से पहले ही परीक्षा फरवरी-मार्च में न कराने का निर्णय लिया गया है. अब अप्रैल में पंचायत चुनाव की संभावनाओं को देखते हुए अब बोर्ड परीक्षा की परीक्षा सीबीएसई के ही तर्ज पर मई-जून में कराई जा सकती है.
सीबीएसई ने कोरोना के चलते कक्षाएं नहीं चलने और कोर्स अधूरा होने के कारण बोर्ड परीक्षा मार्च में कराने की अपेक्षा मई-जून में कराने का निर्णय लिया है. अब यूपी बोर्ड भी सीबीएसई की ही राह पर चलता दिखाई दे रहा है. यूपी बोर्ड के अधिकारियों को हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार के अगले फैसले का इंतजार है.
सरकार के दिशा निर्देश के बाद ही यूपी बोर्ड की ओर से परीक्षा कार्यक्रम तैयार करके शासन को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. यूपी बोर्ड की ओर से शासन के पास परीक्षा का कोई प्रस्ताव नहीं भेजा गया है. बोर्ड की ओर से इन दिनों इंटरमीडिएट की प्रयोगात्मक परीक्षाएं संचालित हो रही हैं. प्रयोगात्मक परीक्षाएं 3 फरवरी से होकर 22 फरवरी तक चलेंगी. बोर्ड की ओर से इस बीच केंद्र निर्धारण का काम तेजी से चल रहा है. फरवरी के अंत तक परीक्षा केंद्र तय कर दिए जाएंगे.