प्रयागराज के जानेमाने त्वचा, यौन एवं कुष्ठ रोग विशेषज्ञ डॉ. एके (अशोक कुमार) बजाज नहीं रहे. चार जनवरी को वे कोरोना वायरस पॉजिटिव हुए थे और मेदांता अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. वह 24 दिसंबर को 75 वर्ष के हुए थे. कोरोना पॉजिटिव होने के बाद उनकी पत्नी डॉ.सरिता बजाज भी मेदांता में भर्ती हैं, लेकिन स्थिति खतरे से बाहर है. डॉ. एके बजाज के निधन से चिकित्सा जगत में शोक की लहर है. पन्नालाल रोड स्थित निवास पर दिन भर लोग पहुंचते रहे.
डॉ. एके बजाज चर्मरोग विशेषज्ञों में राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी शख्सियत थे. वे इंटरनेशनल एसोसिएशन आफ डर्मोलॉजिस्ट के अध्यक्ष थे और सेवाकाल में स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में त्वचा एवं चर्मरोग विभागाध्यक्ष रहे. 1997 में उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले लिया था. तब से पन्नालाल रोड स्थित निवास पर क्लीनिक खोलकर मरीजों का इलाज करते थे.
वह वैसे तो 1969 में मेडिकल कालेज इलाहाबाद आए थे लेकिन जन्म 75 वर्ष पहले पानीपत में हुआ था. इनके पूर्वज लाहौर (पाकिस्तान) से आकर पानीपत में बस गए थे. डॉ. बजाज ने रोहतक से MBBS कर एम्स दिल्ली से एमडी डर्मिटोनॉलॉजी की डिग्री ली थी. उनकी पत्नी डॉ. सरिता बजाज जिले की पहली एंडी क्रोमोनॉलॉजिस्ट हैं और स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में मेडिसिन विभागाध्यक्ष हैं. डॉ. बजाज की दो बेटियां हैं. बड़ी बेटी नेहांजलि अमेरिका में एक निजी कंपनी में इंजीनियर हैं तो छोटी बेटी निशिका बजाज मॉरीशस में साफ्टवेयर इंजीनियर हैं.