प्रयागराज के सनसनीखेज हत्याकांड में डॉ. एके बंसल की हत्या के मामले का चार साल बाद सोमवार को खुलासा हो गया. एसटीएफ ने खुलासा करते हुए दावा किया कि पटना निवासी एडमिशन माफिया आलोक सिन्हा ने सुपारी देकर डॉक्टर बंसल की हत्या कराई थी और वारदात को प्रतापगढ़ के दो शूटरों ने अंजाम दिया था. जिनमें से एक शोएब को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया है. उसने पूछताछ में इस बात का भी खुलासा हुआ कि प्रयागराज का शातिर अपराधी अख्तर कटरा भी डॉ. एके बंसल की हत्या में शामिल था.
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बता दें शूटर शोएब इनामी अपराधी है जिसके ऊपर प्रतापगढ़ से 50 हजार का इनाम घोषित है. उसने पूछताछ में बताया है कि पटना निवासी एडमिशन माफिया आलोक सिन्हा को डॉक्टर बंसल ने अपने बेटे के एडमिशन के लिए 55 लाख रुपये दिए थे. एडमिशन कराने की जगह उसने रुपये हड़प लिए थे. जिस पर डॉक्टर बंसल ने उसके खिलाफ सिविल लाइंस थाने में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया. पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भी भेजा भेजा था. एसटीएफ के अनुसार, पूछताछ में शूटर शोएब ने यह भी बताया है कि नैनी जेल में बंद रहने के दौरान आलोक सिन्हा की मुलाकात दिलीप मिश्रा और अख्तर कटरा से हुई. इनके माध्यम से ही उसने अबरार मुल्ला से संपर्क किया जिसके जरिए डॉक्टर बंसल की हत्या के लिए उसे और उसके दो साथियों यासिर और मकसूद को सुपारी दी गई थी.
कब हुई थी डॉ. बंसल की हत्या-
12 जनवरी, 2017 की शाम बेखौफ बदमाशों ने जीवन ज्योति अस्पताल के निदेशक व प्रसिद्ध सर्जन डॉ. एके बंसल की गोली मारकर हत्या कर दी थी. उनके चैंबर में घुसकर हमलावर ने पिस्टल से तीन गोलियां चलाईं, जिसमें दो सिर में लगीं थीं. डॉ. एके बंसल जब रामबाग स्थित अस्पताल में मरीज देख रहे थे तभी पैंट-शर्ट और जैकेट पहने एक शूटर पहुंचा था. उसका साथी बाहर ही रुका था. सफेद मफलर पहने शूटर ने करीब पहुंच कर पिस्टल से ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. इससे अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई थी. डॉक्टरों ने एके बंसल को काफी बचाने का प्रयास किया, लेकिन उनकी मौत हो गई थी.
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