अंदावा के रहने वाले 5वीं कक्षा के छात्र अंकित (12) पुत्र मूलचंद की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई. सर्विलांस की मदद से पुलिस ने दो लोगों को पकड़ा तो उन्होंने बच्चे की हत्या कर मिर्जापुर की पहाड़ी पर शव ठिकाने लगाने की बात कबूल की. उनकी निशानदेही पर गुरुवार सुबह से ही कोरांव और मिर्जापुर बॉर्डर पर खोजबीन की गई. फारेंसिंक टीम की मदद ली गई लेकिन शाम तक शव नहीं मिला. पुलिस अफसरों का कहना है कि अभी छानबीन चल रही है. वहीं, बच्चे के परिवार में कोहराम मचा है.
बेची थी कीमती जमीनः
अंदावा के ऑटो चालक मूलचंद्र ने कुछ समय पहले एक कीमती जमीन बेची थी. बताया जा रहा है कि इसकी जानकारी अपराधियों को हो गई थी. मूलचंद्र का 12 साल का बेटा अंकित बिंद 19 अगस्त को घर से पान देने जैन मंदिर के पास गया था. इसके बाद से उसका पता नहीं चला. जीटी रोड के कुछ दुकानदारों ने परिजनों को बताया कि अंकित को कोई बाइकसवार शहर की ओर ले जाते देखा गया था. शाम को अंकित के परिजनों ने सरायइनायत थाने में शिकायत दर्ज कराई. लेकिन पुलिस ने तीसरे दिन अपहरण की एफआईआर दर्ज की. बच्चे के बारे में पुलिस कोई जानकारी भी नहीं जुटा सकी.
पैसों के लिए किया अपहरणः
सूत्रों के मुताबिक, हिरासत में लिए गए दोनों आरोपियों ने पूछताछ में बताया है कि उन्होंने रुपयों की लालच में यह वारदात की. दरअसल दोनों का मृतक छात्र के बारा स्थित ननिहाल में आना-जाना था और इसी वजह से छात्र भी उन्हें अच्छी तरह से पहचानता था. पिछले दिनों उन्हें जानकारी मिली कि मृतक छात्र के पिता ने अपनी पैतृक जमीन एक बिल्डर के हाथों 70 लाख में बेची है. जिसके बाद उन्होंने उसके बेटे को अगवा कर फिरौती वसूलने की योजना बनाई.
मां को फोन कर मांगी फिरौतीः
25 अगस्त की दोपहर 3:30 बजे अंकित की मां आरती के मोबाइल पर एक फोन आया. कॉल करने वाले ने अंकित के पापा मूलचंद से बात कराने को कहा. मूलचंद ने जैसे ही हैलो कहा, उधर से आवाज आई कि अगर बेटे की जिंदगी चाहते हो तो तीस लाख रुपये की रकम तत्काल नारीबारी चाकघाट पहुंचा दो. यह सुनते ही मूलचंद्र घबरा गए. गायब बेटे के बारे में पूछने पर अपहर्ताओं ने अंकित की आवाज भी सुनाई. अपहर्ताओं के चंगुल में फंसे बेटे की आवाज सुनकर मूलचंद के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई. उन्होंने तत्काल इसकी जानकारी तत्काल थाने में दी.