प्रीतमनगर में दो माह पहले बीएससी की छात्रा की खुदकुशी मामले में चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है. परिवार वालों का कहना है कि उसने छेड़छाड़ से परेशान होकर जान दी. अज्ञात नंबर से फोन कर एक व्यक्ति लगातार उसे काफी दिनों से तंग कर रहा था. आरोप यह भी है कि बेटी का मोबाइल देने के बाद भी धूमनगंज पुलिस ने जांच पड़ताल नहीं की. फिलहाल उच्चाधिकारियों के निर्देश पर मोबाइल नंबर के आधार पर अज्ञात पर केस दर्ज हुआ है.
19 वर्षीय बीएससी प्रथम वर्ष की छात्रा ने 27 दिसंबर को घर के भीतर ही फांसी लगा ली थी. पिता की ओर से उच्चाधिकारियों से बताया गया कि अज्ञात नंबर से फोन कर एक व्यक्ति उसकी बेटी को लगातार परेशान कर रहा था. उसके डर के चलते ही बेटी ने घर के बाहर जाना भी छोड़ दिया था. जिससे उसकी पढ़ाई भी प्रभावित हो रही थी. बेटी के बताने पर उन्होंने खुद फोन करने वाले को मना किया लेकिन मानने की बजाय वह धमकी देने लगता था.
27 दिसंबर को वह गांव जबकि पत्नी अस्पताल गई थी. घर पर उसकी बेटी छोटे भाई के साथ थी. इस दौरान भी उसी नंबर से लगातार कई बार फोन आया जिससे परेशान होकर बेटी फांसी के फंदे पर लटक गई. परिजनों का आरोप है कि 15 दिन तक लगातार मोबाइल अपने कब्जे में रखने के बाद भी पुलिस ने उक्त नंबर की जांच पड़ताल नहीं की. उधर प्रकरण की जानकारी के बाद उच्चाधिकारियों ने निर्देशित किया तब जाकर धूमनगंज पुलिस ने मोबाइल नंबर के आधार पर अज्ञात में आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में केस दर्ज किया.
सूत्रों के मुताबिक, घटना के बाद छात्रा के मोबाइल से चौंकाने वाली बातें सामने आई थीं. उसके मोबाइल में कुल 32 मिस्ड कॉल पड़ी थीं. कॉल हिस्ट्री से यह भी पता चला था कि दोपहर 1.57 पर उसके फोन पर किसी की कॉल आई, जिससे उसकी तीन मिनट तक बात हुई. हालांकि यह नहीं पता चल सका कि फोन करने वाला कौन था.
