पंचायत चुनाव के लिए नामांकन पत्रों की जांच की प्रक्रिया पूरी हो गई है. बुधवार को नाम वापसी और उसके बाद प्रत्याशियों को चुनाव चिह्न प्रदान किया जाएगा. सन 1995 के बाद ऐसा पहली बार है जब जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्य का चुनाव एक साथ कराए जा रहे हैं. 1995 के चुनाव में चुनाव चिन्ह एक दूसरे से मिलते थे. एक तरह के चुनाव चिन्ह जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य और ग्राम पंचायत सदस्य को भी मिला था इसी कारण से उस समय बहुत गड़बड़ियां सामने आई थी.
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लेकिन इस बार चुनाव आयोग में सोच विचार के बाद काफी बदलाव कर दिए है. इस बार चुनाव में चारो पदों के लिए 164 तरह के चुनाव चिन्ह निर्धारित किए गए हैं. जिनमें से जिला पंचायत सदस्यों के लिए पिस्टल, कुल्हाड़ी के अलावा आरी, गमला, गिटार, फावड़ा-बेल्चा, सितारा, तराजू समेत 53 चुनाव चिह्न हैं, प्रधान पद के उम्मीदवारों के लिए तोप, त्रिशूल, धनुष, गदा, हथौड़ा समेत सबसे ज्यादा 57 चुनाव चिह्न हैं, बीडीसी के लिए तलवार, गुल्ली-डंडा, चकला-बेलन, दमकल आदि 36 चुनाव चिह्न हैं
और ग्राम पंचायत सदस्य के लिएबंदूक, फरसा, रिक्शा, तंबू, डमरू समेत 13 चुनाव चिह्न जारी हुए हैं. चुनाव चिन्हों में अलग तरह के हैं तो इस बार गड़बड़ी होने की आशंका नही है.