प्रयागराजः बांदा जेल में बंद बसपा के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. फर्जी शस्त्र लाइसेंस के 30 साल पुराने मामले में प्रयागराज की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट ने मुख्तार अंसारी पर पांच धाराओं में आरोप तय किए हैं. मुख्तार पर 10 जून 1987 को फर्जी डाक्यूमेंट्स के आधार पर दोनाली बन्दूक का लाइसेंस लेने का आरोप लगा था. इसके बाद मुख्तार अंसारी के खिलाफ गाज़ीपुर जिले के मोहम्मदाबाद थाने में इस मामले को लेकर मुकदमा दर्ज हुआ था. इसके बाद यह मामला एमपी-एमएलए कोर्ट में मुख्तार पर अब तीस साल बाद मुकदमा.
स्पेशल कोर्ट ने आईपीसी की धारा 467/ 468/ 420/120 बी और एंटी करप्शन एक्ट की धारा 13 (2) के तहत आरोप तय किये हैं. अब इन्हीं इन्ही धाराओं के तहत मुख्तार के खिलाफ स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट में मुकदमा चलेगा. वीडियो कांफ्रेंसिंग से हो रही कार्रवाई के दौरान जब आरोप तय हो रहा था उस समय वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिये कोर्ट की कार्यवाही से जुड़ा था. यह फैसला स्पेशल जज आलोक कुमार श्रीवास्तव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई के दौरान सुनाया. हालांकि बाहुबली मुख्तार अंसारी ने आरोपों से इंकार किया है और फैसले पर दोबारा विचार करने की गुहार लगाई है. यह जानकारी एडीजीसी क्रिमिनल राजेश गुप्ता ने दी है.