प्रयागराज में गंगा-यमुना ने रौद्र रूप धारण कर लिया. खतरे का निशान पार करने के बाद गंगा की बाढ़ ने पूरे कछार को अपनी चपेट में ले लिया. 9 अगस्त को सुबह 10 बजे गंगा 42 सेमी और यमुना 24 सेमी खतरे से निशान से ऊपर बह रही थी. प्रयागराज के फाफामऊ में गंगा नदी 4 सेमी और छतनाग में 3 सेमी की रफ्तार से बढ़ रही है तो वहीं नैनी में यमुना 4 सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही है.
जिले में पांच हजार से अधिक घरों में पानी भरने से बड़ी संख्या में लोग मुसीबत से घिर गए. 30 मोहल्लों के करीब 6000 घर बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. वहीं 10 हजार लोगों को राहत कैंप में पहुंचाया जा चुका है. बाढ़ग्रस्त इलाकों को खाली कराने के लिए प्रशासन की ओर से मुनादी कराई जाने लगी. जलस्तर बढ़ने का यही हाल रहा तो सोमवार तक बाढ़ का पानी कई और तटवर्ती कॉलोनियों में प्रवेश कर सकता है.
प्रयागराज में सोमवार को दाेपहर 12 बजे फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 85.17 मीटर, छतनाग में 84.42 मीटर और नैनी में यमुना का जलस्तर 85.01 मीटर तक पहुंच गया है. जिससे चौतरफा हड़कंप मचा है. बाढ़ की विभीषका का दंश सबसे ज्यादा पशु झेल रहे हैं. शहरी क्षेत्र के कछारी इलाके में गाय भैंस पालने वाले लोग अपने जानवरों को लेकर परेशान हैं. कुछ लोगों ने अपने पशुओं को अपने गांव भेज दिया है तो कई लोगों ने अपने करीबियों के खाली प्लॉट में अपने पशुओं का आशियाना बनाया है.