पीएम मोदी के जन्मदिन पर युवाओं ने मनाया ‘राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस’
17 सितंबर यानि कि गुरूवार को वैसे तो देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 70वां जन्मदिन मनाया गया है। लेकिन इसी मौक़े पर देशभर के बेरोजगार युवाओ ने राष्ट्रीय बेरोज़गार दिवस भी मनाया। सोशल मीडिया पर #NationalUnemploymentDay और #राष्ट्रीय_बेरोज़गार_दिवस को लेकर पीएम मोदी के जन्मदिन से जुड़े हैशटैग्स से ज़्यादा हलचल देखने को मिली है। देश के युवाओं के इस प्रदर्शन को प्रमुख विपक्षी दलों का समर्थन भी हासिल था, कई जगहों पर छात्र युवाओं के इस प्रदर्शन में विपक्षी दल के कार्यकर्ताओं-नेताओं को भी शामिल देखे गए।
आर्थिक सुस्ती और बेरोज़गारी के बीच भारतीय युवा सरकार के प्रति अपनी नाराज़गी लगातार ज़ाहिर कर रहे हैं। इस नाराज़गी का असर भारतीय सोशल मीडिया में, ख़ासतौर से ट्विटर पर साफ़ देखा जा सकता है। हफ़्तों से भारतीय छात्रों और युवाओं ने सरकार के ख़िलाफ़ अपनी मुहिम सोशल मीडिया पर तेज़ कर दी है। बेरोज़गारी के साथ-साथ छात्र एसएससी जैसी परीक्षाएँ तय समय पर न होने और नौकरियों के लिए तय समय पर नियुक्ति न होने से भी ख़फ़ा हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों की मांग है कि जो वैकेंसी निकाली जाए उनकी परीक्षाएं जल्द हों और उनके परिणाम जल्दी आएं. इसके अलावा कई संस्थानों में बेतहाशा फ़ीस वृद्धि से परेशान छात्र भी सरकार से सुनवाई की गुहार लगा रहे हैं।
इससे पहले भी 9 सितंबर को देश के अलग-अलग हिस्सों में युवाओं ने रात 9 बजकर 9 मिनट पर टॉर्च, मोबाइल फ़्लैश और दिए जलाकर सांकेतिक रूप से सरकार के प्रति अपना विरोध जताया था। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम मन की बात और बीजेपी के कई वीडियोज़ को को यूट्यूब पर भारी संख्या में डिसलाइक्स मिलने के पीछे भी छात्रों के ग़ुस्से को कारण बताया जा रहा था।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने अनुसार इस साल अप्रैल-जून तिमाही में देश की जीडीपी में 23.9 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी, जो पिछले 40 वर्षों में सबसे अधिक है। इतना ही नहीं, सेंटर फ़ॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी के आँकड़ों के अनुसार 6 सितंबर वाले सप्ताह में भारत की शहरी बेरोज़गारी दर 8.32 फ़ीसदी के स्तर पर चली गई है।
लॉकडाउन और आर्थिक सुस्ती की वजह से लाखों लोगों को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ा है और बड़ी संख्या में लोगों का रोज़गार ठप हो गया है। CMIE के आकड़ों के मुताबिक़, लॉकडाउन लगने के एक महीने के बाद से क़रीब 12 करोड़ लोग अपने काम से हाथ धो चुके हैं।